This is the main Nij mandir where ShreeNathji lives today.
In 1672 AD in Falgun Vad Satam, Saturday, Swati Nakshatra Shri Damodar Maharajji (Shri Dauji) did sthapan of ShreeNathji’s Paat(Alter) in the mandir Haveli.
Once Shreeji moved from Giriraj Govardhan and settled here the original name of this town, ‘Sinhad’ was changed to Nathdwara.
(Details of ShreeNathji Haveli can be read in the Nathdwara chapter)
दसवीं चरण चौकी नाथद्वारा मंदिर में है
इस निज मंदिर में श्रीजी आज भी विराजते हैं। 1672 AD में फाल्गुन वद सातम, शनिवार, स्वाति नक्षत्र के दिन, श्री दामोदर महाराजजी (श्री दाऊजी) ने श्रीजी के पाट की स्थापना करी थी।
श्रीजी गिरिराज जी से जब यहाँ विराजे, इस जगह का नाम सिंहाड से बदल कर नाथद्वारा हो गया।
(नाथद्वारा हवेली का विसरित विवरण नाथद्वारा चैप्टर में है)
Present day darshans of ShreeNathji Haveli at Nathdwara
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