From Agra ShreeNathji proceeded to Dandoti Ghat, at Chambal river, near Gwalior. They enjoyed the Utthapan darshan here;
Following them the mlech (Moghul army) also reached close by to attack ShreeNathji. It was at this location that ShreeNathji did the miracle; so that His Rath looked like a huge mountain to the mlech (Moghul) army, and all the sevaks with Shreeji looked like huge lions.
This confused the mlech army as they did not see even one human. Even the dialogue of all sevaks sounded like the roar of lions. Thus frightened they began to run fast and reached the Badshah, telling him of how karamati the Dev was.
(Details can be read in the ‘ShreeNathji moving to Nathdwara’ chapter)
चौथी चरण चौकी डंडौति घाट पर है
आगरा से उठ कर श्रीनाथजी डंडौति घाट, चम्बल नदी किनारे पहुँचे, जहाँ उत्थापन दर्शन पूर्ण करे।
मलेछ (मुगल सैनिक) भी वहाँ पहुँच गए श्रीनाथजी पर हमला करने के लिए। श्रीजी ने लीला करी जिस कारण मलेछ सेना को उनका रथ एक बड़ा पर्वत नजर आया, और सभी सेवक शेर प्रतीत हुए। सेवक लोगों का वार्तालाप शेर की गरजन जैसे सुनी।
म्लेछ सेना घबरा गई, की उन्हें एक भी इंसान कैसे नहीं दिखा। वे जल्द से जल्द वहाँ से भाग खड़े हुए, और बादशाह को बताने लगे की वह देव बहुत करामाती है।
(विसरित विवरण ‘श्रीनाथजी का गिरिराज गोवर्धन से श्री नाथद्वारा के लिए रवाना होना’ चैप्टर में है)
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