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Bhagwan ShreeNathji, “Blessings cannot be measured and given..”

  • Writer: Priyanka Sachdev
    Priyanka Sachdev
  • Sep 30, 2020
  • 2 min read

Updated: Feb 9, 2021

श्रीनाथजी, “आभा शाहरा श्यामा, आशीर्वाद तोल कर नहीं दिया जाता ..”


ठाकुरजी श्रीनाथजी के साथ मैं गिरिराज गोवर्धन पर आनंद कर रही हूँ। श्रीजी की इच्छा अनुसार हम आज खेल रहे हैं, ‘आशीर्वाद, आशीर्वाद’। (श्रीनाथजी का हर कार्य एक खेल होता है)

इस खेल में श्रीजी प्रभु अपनी बाएँ हथेली में से दाएँ हाथ की चुटकी से कुछ उठाते हैं और मेरे माथे पर रखते हैं। ऐसे पूर्ण एकाग्रता के साथ कई बार करते हैं।


थोड़े समय के पश्चात मैं उनसे कहती हूँ;

आभा, “श्रीजी यह मेरा सर कुछ भारी सा हो गया है, पता नहीं क्या हुआ; आप कुछ मस्ती कर रहे हैं क्या”?


श्रीनाथजी, “आभा शाहरा मैं तो तुझे कुछ दे रहा हूँ, अरे उस से सर भारी हो गया? अच्छा अच्छा, मैं तो तुझे आशीर्वाद दे रहा था, शायद से कुछ ज्यदा हो गया हो.. हा हा”।


श्रीनाथजी आगे हँसते हुए बताते हैं,

“नाप तोल कर आशीर्वाद कैसे दे सकता हूँ, कम ज्यादा करना मुझे नहीं आता, बस देना होता है, सो दे दिया।

सब्ज़ी या फल जैसे १ किलो या २ किलो तोल कर नहीं दे सकता।

आशीर्वाद किलो के भाव थोड़ीना मिलता है। नहीं तो सब लोग खरीदने आ जाएँगे, ‘श्रीजी १ किलो आशीर्वाद तोल के दो, क्या भाव लगाओगे’। हा .. हा .. हा

तुझे ज्यादा दे दिया तो मैं क्या करूँ, वापस लेना नहीं आता मुझे”।


सर भारी होते हुए भी मुझे जोर से हँसी आ जाती है। श्रीजी की खासियत है कि छोटे से छोटे मौके को दिव्य आनंद से भर देते हैं।


श्रीनाथजी, “अच्छा अच्छा, श्रीजी ने ज्यादा दे दिया जिस कारण से तेरा सर भारी हो सकता है; यह एक तरह से अच्छा है, इस से हमें एहसास होता है की कुछ मिला है; कभी-कबाद ज्यादा हो जाता है तो कोई बात नहीं। चल चल वापस सो जा, आराम करेगी तो ठीक हो जाएगी, मैं चलता हूँ अभी बहुत काम करना है”।


ऐसा कह कर श्रीनाथजी प्रभु अंतरधान हो जाते हैं, किंतु जाते हुए मुझे सुनता है उनका अखिरी वाक्य, “आभा शाहरा श्यामॉ अपने इस खेल को सब भक्तों के साथ बाँटना, सभी को आनंद मिलना चाहिए, तो जल्द लिख देना वार्ता को”!


मैं अचमभे में हूँ, ये क्या था, सपना या सत्य? जो भी था एक बहुत ही मधुर एहसास छोड़ कर गया। ठाकुरजी की बारीक हँसी गूँजती रहती है।

श्रीनाथजी ठाकुरजी दयालु तो हैं, साथ में बहुत नटखट और cute भी हैं; इसलिए आशीर्वाद सत्य होने का एहसास दिल में जागरत है।


जय श्रीनाथजी प्रभु, 🙏 आपकी कृपा और प्रेम आपके भक्तों के लिए हमेशा बहता ही रहता है



1 Comment


Aradhana Sharma
Aradhana Sharma
Jul 27, 2021

🌼🌷💕श्रीजी की जय हो 💕🌷🌼

सादर सप्रेम प्रणाम आभा जी ,

धन्य हो प्रभु आप , एक आप ही तो हो जो बिना तोले बिना बोले देते जाते हो व भूल जाते हो ।आप का आशीर्वाद की एक चुटकी आभा जी के माध्यम से हम सब में वितरित हो रही है। आप के आशीर्वाद की बौछार हम सांसारिक जीवों के ताप को दूर करती है । मन आभा जी के चरणों में बैठ उस आनंद की बारिश से भीग गया। सादर दण्डवत नमन वन्दन बलिहारी इस दिव्य प्रेम के🙇🙇🙇

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