भाद्रपद शुक्ल अष्टमी
२६.०८.२०२०
🙏🙏रावल में भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के शुभ दिन, प्रगट हुईं श्री राधा रानी, जो श्रीकृष्ण की जीवन शक्ति हैं।
“आज वृषभान के आनंद;
वृंदाविपिन विहारिनि प्रगटी श्रीराधाजु आनंद कंद”
श्री राधा रानी वह दिव्य शक्ति हैं जो श्री कृष्ण के हृदय में से प्रगट हुईं। दोनों एक ही हैं, जैसे शक्कर और उसकी मिठास; अलग हो ही नहीं सकती💕
जहाँ कृष्ण, राधा तहाँ; जहं राधा तहं कृष्ण।न्यारे निमिष न होत कहु समुझि करहु यह प्रश्न।।
श्रीकृष्ण देह है, तो श्रीराधा आत्मा हैं
श्री कृष्ण शब्द है, तो श्रीराधा अर्थ हैं
श्रीकृष्ण गीत है, तो श्रीराधा उसका संगीत
श्रीकृष्ण बांसुरी है, तो श्रीराधा बांसुरी का स्वर।
ठाकुरजी ने अपनी समस्त संचारी शक्ति श्रीराधा में समाहित की है। 🙏🙏
बरसाना में आज श्री राधा रानी को लड्डु और छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग का भोग लगाया जाता है और उस भोग को सबसे पहले मोर को खिला दिया जाता है।
मोर को राधा-कृष्ण का स्वरूप माना जाता है।
जय श्री राधे राधे, जय श्री कृष्ण
जय श्रीनाथजी प्रभु
🙏🙏🙏🙏🙏
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