श्रीराधा श्रीमाधव, दोनों ही भौरें हैं , पर दोनों ही कमल भी हैं ... दोनों ही चकोर हैं तो दोनों ही चन्दा भी हैं .. दोनों ही प्रेम हैं तो दोनों ही प्रेमसिन्धु भी हैं ..
सृष्टि के आदि अंत तक एक दूसरे को देखते रहनें पर भी इनका अभी तक अच्छे से परिचय भी नही हुआ है 🙏
ये एक दूसरे को निरखते रहते हैं.. तब कितनी ही सृष्टियाँ बदल जाती हैं, कितनें ब्रह्मा और रूद्र बदल जाते हैं, पर ये अघाते नही .. श्याम सुन्दर तो बस यही कहते हैं ..”राधे ! तेरो मुख नित नवीन सो लागे"
जय श्री राधे कृष्ण
Jai Shree RadheKrishn 🙏
Jai ShreeNathji Prabhu 🙏
The divy jhanki painting is from Shree Radharani mandir at Barsana 🙏
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