जहाँ कृष्ण, राधा तहाँ; जहं राधा तहं कृष्ण।न्यारे निमिष न होत कहु समुझि करहु यह प्रश्न।।
श्रीकृष्ण देह है, तो श्रीराधा आत्मा हैं
श्री कृष्ण शब्द है, तो श्रीराधा अर्थ हैं
श्रीकृष्ण गीत है, तो श्रीराधा उसका संगीत
श्रीकृष्ण बांसुरी है, तो श्रीराधा बांसुरी का स्वर।
ठाकुरजी ने अपनी समस्त संचारी शक्ति श्रीराधा में समाहित की है। 🙏🙏
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