Shukrtaal, where Ved Vyasji narrated the Bhagwad katha
Shukrtaal is the Divy sthal where Shri Shukdevji, son of Maharishi Ved Vyasji narrated the pavitr Bhagvat katha to Arjun’s grand son Raja Parikshit.
शुक्रताल या शुकताल तीर्थ का संबंध अर्जुन के प्रौत्र और हस्तिनापुर के राजा परीक्षित और महर्षि वेदव्यास के पुत्र शुकदेवजी से संबंधित है।
कहा जाता है कि इस जगह पर अभिमन्यु के पुत्र और अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित- जिनको शाप मिला था कि उन्हें एक सप्ताह के अंदर तक्षक नाग द्वारा डस लिया जाएगा उन्होंने महऋषि शुकदेव के श्रीमुख से भगवत कथा का श्रवण किया था। मान्यता है कि इसी स्थान पर राजा परीक्षित ने अपना शरीर छोड़ा था।
शुक्रताल में जिस स्थान पर शुक देवजी ने राजा परीक्षित को कथा सुनाई थी, वह अक्षय वट वृक्ष आज भी अपनी विशाल जटाओं को फैलाये खड़ा है.
इसका संबंध द्वापर युग से है। यह जगह देश की राजधानी दिल्ली से करीब 150 किलोमीटर दूर है और मुजफ्फर नगर जिले में आता है।
Jai Shree RadheKrishn 🙏
Jai ShreeNathji Prabhu 🙏
Photos are from 2003 when I had the opportunity to have darshans of this divy place.
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